2.65

“प्रसादे सर्वदुःखानां हानिरस्योपजायते |
प्रसन्नचेतसो ह्याश्रु बुद्धिः पर्यवतिष्ठते || ६५ ||”

अनुवाद

इस प्रकार कृष्णभावनामृत में तुष्ट व्यक्ति के लिए संसार के तीनों ताप नष्ट हो जाते हैं और ऐसी तुष्ट चेतना होने पर उसकी बुद्धि शीघ्र ही स्थिर हो जाती है |